Tuesday, August 13, 2013

तब और अब

धरती से जोड़ती थी,
आलती-पालती और खाने की थाली
आष्टा-चंगा-पे और लंगड़ी-पुआ
नानी का घर और छत का बिस्तर |
अब बस ज़मीन के कुछ ऊपर है,
कुर्सियों से लटकते पैर और Frozen food
SAP और Solitare
Sleepwell का गद्दा और निद्राहीन रातें |

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