Tuesday, August 13, 2013

लाल

लाल सी लालिमा किसी और रंग में है कहाँ?
सुर्ख सा मदिरा में खुशी छलकाता हुआ
भोर में सूरज को जीवन देता
ये लाल रंग, वो लाल रंग
सुहागन का स्वप्न अपनी गोद मे समेटता हुआ
दुर्गा के दुर्ग की चारदीवारी को रंगता
ये लाल रंग, वो लाल रंग
अचल सा शव में खौफ़ दिखलता हुआ
क्या सौभाग्य की निशानी, या है जंजीरों का रंग
ये लाल रंग, वो लाल रंग |

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