
अँधेरे में जलते हुए दीये सी यह पहली बारिश है
अरमानों की बहार लाई यह बारिश है
हर साँस में मिट्टी की ख़ुशबू ले आई यह बारिश है
सावन के मौसम में नाच उठा मेरा भी मन मयूर
इस सावन में तन-मन तो भीग गया
पर भीगी पलकें भी लाई यह बारिश हैं
आँखें बूँदों को छोड़ रास्ता तकती हैं
बूँदों की छमछम में सुनता हूँ किसी की आहट
कुछ ऐसी सौग़ात लाई यह बारिश है
कुछ ऐसी पहले सावन की पहली यह बारिश है
ekdum khushi ka ehsas dila diya is kavita ne.............
ReplyDeletewaah-waah :-P, lag raha ho pura bheeg gaya hun :D bahut paani tha kavita mein. atti uttam
ReplyDeletebandar kyaa jaane adrak ka swaad
ReplyDeleteamazing yaar... only a girl can beutifully describe the rain season like u've done... boys dont really consider rain that meaningfully... its just water fr most of them...
ReplyDeleteप्रेमी का मिलना हो मुश्किल देखो कैसी साजिश है।
ReplyDeleteभींग न पाया अंतर्मन तो यह भी कोई बारिश है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है!
ReplyDeleteमेरी शुभकामनाएं!
मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है.
इस सावन में तन-मन तो भीग गया
ReplyDeleteपर भीगी पलकें भी लाई यह बारिश हैं
Acchi lagi panktiyan aapki. Swagat.
ब्लोगिंग की दुनिया में आपका हार्दिक स्वागत है. एक समर्थ और सार्थक अभिव्यक्ति के लिए सिर्फ़ बधाई काफी नहीं होती..... आपका लेखन फले-फूले और आपके शब्दों को नित नए अर्थ और रूप मिलें यही शुभ कामना है.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर भी पधारें.
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर
बूँदों की छमछम में सुनता हूँ किसी की आहट
ReplyDeleteकुछ ऐसी सौग़ात लाई यह बारिश है
कुछ ऐसी पहले सावन की पहली यह बारिश है
बहुत सुंदर मेरे ही मन की भावनाओं को अभिव्यक्त करती सुंदर शब्द सयोंजन से रची यह कविता अत्यन्त मनमोहक है
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteआज का दिन ऐतिहासिक है (क्योंकि) मैं आपके ब्लाॅग पर आया हूँ।
ReplyDeleteदरअसल......
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूंऽऽऽऽऽऽऽ
(और बधाई भी देता चलूं...)
रसात्मक और सुंदर अभिव्यक्ति
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